शेयर बाजार में ट्रेडिंग 4 प्रकार की होती है ? जानिए कैसे की जाती है ट्रेडिंग ?
शेयर बाजार ट्रेडिंग : शेयर बाजार में ट्रेडिंग मतलब व्यापार होता है। इसमें शेयर खरीदना और बेचना ऐसा होता है । अभी शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने की संख्या बढ़ गयी है । बिज़नेस की तरह रोज लोग शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते है । सुबह मार्केट जैसे ही खुलता है सब लोग अपने मोबाइल , लैपटॉप या कंप्यूटर के स्क्रीन के सामने मार्केट बंद होते समय तक बैठे रहते है । शेयर बाजार में ट्रेडिंग के 4 प्रकार कौनसे है और कैसी की जाती है ट्रेडिंग । तो जानिए आज इस लेख में हम आपको बताएँगे ।
ट्रेडिंग क्या है
शेयर बाजार के ट्रेडिंग में निवेशक शेयर को खरीदना और बेचना इस प्रकार का व्यापार करते है । इसलिए शेयर बाजार में जो कारोबार होता है उसको ट्रेडिंग कहते है । स्टॉक मार्केट में स्टॉक को खरीदकर या बेचकर पैसे बनाये जाते है । स्टॉक को कम किंमत पर खरीदना और ज्यादा किंमत पर बेचना इसको ट्रेडिंग कहते है। पिछले कुछ सालो से शेयर बाजार में ट्रेडिंग करेवालो की गणना बढ़ती हुई दिखाई गयी है ।
डीमैट खाते की संख्या की बात करे तो 2010 साल में लगभग 2.3 करोड़ के डीमैट के खाते थे । वही संख्या 2021 में 5.3 करोड़ हो चुकी थी । और आज के तौर पर देखा जाये तो दिन – ब – दिन ट्रेडिंग करनेवालों की संख्या बढती हुई दिख रही है । यानि शेयर बाजार में दिचस्पी बढ गयी है । शेयर बाजार में अभी नए लोग सिखने का प्रयास कर रहे है और शेयर बाजार के साथ जुड़ रहे है । लेकिन लोगो शेयर बाजार का व्यवहार ज्ञान कम होने की वजह से बहुत लोग इसमें निवेश करके घाटा लेते है ।
शेयर बाजार में छोटे रिटेलर ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट के अंतर को समझ नहीं पाते है । शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का अर्थ खरीदना और बेचना होता है ।शेयर बाजार में ट्रेडिंग 4 प्रकार की होती है ? जानिए कैसे की जाती है ट्रेडिंग ?
शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के प्रकार
-
इंट्राडे ट्रेडिंग
-
पोजिशनल ट्रेडिंग
-
स्विंग ट्रेडिंग
-
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग
इंट्राडे ट्रेडिंग
इंट्राडे ट्रेडिंग में सुबह से लेके शाम तक शेयर को खरीदकर उसे बेचना होता है। या पहले शेयर को बेचके बाद में खरीदना होता है । इस व्यापार को इंट्राडे ट्रेडिंग कहते है। इस इंट्राडे ट्रेडिंग का प्रकार का समय सुबह मार्केट खुलते ही 9.15 AM से 3.30 PM के बिच में होता है । ऐसी ट्रेडिंग यानि एक दिन में उसमे कुछ घंटो के बिच में की जाये ये ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग कहलाते है ।
पोजिशनल ट्रेडिंग
पोजिशनल ट्रेडिंग वो होती है जिसमे सबसे कम रिस्क होता है। ऐसी ट्रेडिंग में शेयर को लम्बे समय के लिए जैसे की कुछ दिन या कुछ महीने शेयर को लेके होल्ड करना होता है । इसको लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग भी कहते है । मतलब की इसमें निवेशक अपने शेयर की कीमत बढ़ने की आशा में वो शेयर को लेके मार्केट में अपनी एक पोजीशन बना लेते है । जब भी उस शेयर की कीमत बढ़ जाती है उस वक्त वो उस शेयर को बेच देते है यानि पोजीशन स्क्वेअर ऑफ कर देते है । इस व्यव्हार को पोजिशनल ट्रेडिंग कहते है ।
स्विंग ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग का मतलब ये है की शेयर में आनेवाले दिनों में कुछ हलचल हो सकती है जिससे प्रॉफिट होने के चान्सेस बढ़ सकते है उसको स्विंग ट्रेडिंग कहा जाता है । यह शेयर ये सोचकर लिया जाता है की स्टॉक में कुछ दिनों में मूवमेंट देखने को मिल सकती है । यानि अभी शेयर का भाव कम है लेकिन मूवमेंट अगर आयी तो ये भाव कुछ दिन में ही बढ़ सकता है ।
आनेवाले समय में भाव ऊपर जाके प्रॉफिट हो सकता है .और फिर शेयर बेचकर मुनाफा कमाया जा सकता है।ये सोचकर कुछ दिन या कुछ हप्तो के लिए ये शेयर को रख लिया जाता है । इसको स्विंग ट्रेडिंग कहलाती है । ये ट्रेडिंग वो लोग करते है जो मार्केट में लगातार शेयर के चढ़ उतार पर ध्यान देते है ।
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग ये शेयर बाज़ार में एक दिन के कारोबार में ही की जाती है । इसमें बेहद कम समय में शेयर को खरीदना या बेचना होता है । यह ट्रेडिंग कुछ सेकंड या मिनिटो में ही की जाती है , यहाँ पूरा दिन या घंटो तक इंतजार नहीं करना पड़ता है । इस प्रकार की ट्रेडिंग को स्कैल्पिंग ट्रेडिंग कहते है । ये ट्रेडिंग में लगातार स्क्रीन पे अपनी नजर बनाये हुए रखना पड़ता है । जैसे ही मूमेंट आती है वो कम समय में कैच कर लेते है और उस थोड़े समय में ही पोजीशन स्क्वेअर ऑफ कर लेते है।
(नोट : ये लेख आपके जानकारी के लिए है। शेयर बाजार में निवेश करना एक जोखिम के अधीन होता है , इसलिए निवेश करने से पूर्व शेयर बाजार में विशेषज्ञ या कोई शेयर बाजार में एक्सपर्ट हो उसकी जरूर राय ले। आपके कोई भी वित्तीय नुकसान के लिए लाइफटाइमखबर .कॉम जिम्मेदार नहीं होगा )